भारतीय वैज्ञानिक ने पानी की बूंद से बनाई बिजली, अब यूनेस्को देगा सम्मान

ज्ञात हो, सात वर्षो से यह पुरस्कार ऐसे वैज्ञानिकों और संस्थानों को दिया जाता है, जिन्होंने नैनो विज्ञान और प्रौद्यागिकी के विकास में महत्वपूर्ण कार्य किया है. 2010 में शुरू किए इस पुरस्कार से अब तक 37 व्यक्तियों एवं संस्थानों को नवाजा जा चुका है.

Comments

Popular posts from this blog

मोइक्रोबस र ट्रक ठोक्किँदा एकको मृत्यु

प्रदेश ४ मा वडा कार्यालय भवनको अभाव, छाप र लेटर प्याड झोलामै बोकेर सेवा प्रवाह !

अविरल वर्षाले घर भत्किँदा पाँच घाइते